जिला प्रशासन की ओर से बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को सशर्त होम आइसोलेशन की अनुमति आज से दी जा रही है। ये अनुमति उन्हीं को दी जाएगी जो प्रशासन के जारी गाइडलाइन का पालन करेंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को 20 लोगों को ट्रायल के लिए होम आइसोलेट किया गया है।
स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों ने मरीजों के घर जा कर सभी निर्देशों के बारे में जानकारी दी। ताकि आने वाले समय मे लोगों को होम आइसोलेशन की व्यवस्था में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आए। होम आइसोलेशन को लेकर जिले में 43 रैपिड रिस्पांस टीम गठित की गई है। इनमें से 43 टीमें शहरी क्षेत्र में काम करेंगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में हर ब्लाॅक में एक टीम लगाया गया है।
होम आइसोलेशन की ये हैं शर्तें
– बीमार व्यक्ति के अंदर कैंसर, किडनी सम्बंधित समस्या, डायबिटीज जैसी अन्य बीमारी नहीं होनी चाहिए। – घर में आइसोलेट होने के लिए जगह होनी चाहिए। – मरीज के लिए अलग शौचालय होना चाहिए। – मरीज को पोर्टल पर दिन में तीन बार अपनी पल्स रेट, बुखार और ऑक्सीजन लेवल जांचकर अपलोड करना होगा। – अरोग्य सेतु अपलोड करके उसका ब्लू टूथ हमेशा आॅन रखना होगा। – मरीज घर से कहीं बाहर नहीं जाए, इसकी सहमति घरवालों को देनी होगी। – किसी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानी होते ही तत्काल कंट्रोल रूम सूचना देनी होगी। – मरीज की देखरेख नौकर के बजाय घर वालों को करनी होगी।
होम आइसोलेशन के बाद क्वारंटीन
जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी लोगों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि होम आइसोलेशन के बाद मरीजों को 10 दिन क्वारंटीन की अवधि भी पूरी करनी होगी। यह 10 दिन की अवधि होम आइसोलेशन पूरा होने के बाद शुरू होगी। होम आइसोलेशन के बाद अपने घर में ही क्वारंटीन रहना होगा। ये टीम तय करेगी की किसे होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है और किसे नहीं।