उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना के मामले में प्रयागराज की गिनती प्रदेश के सबसे संवेदनशील जिलों में है। जिले में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए नगर मजिस्ट्रेट/प्रभारी अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एंव औषधि प्रशासन विभाग रजनीश कुमार मिश्र ने दवाओं की बिक्री के माध्यम से संभावित कोरोना संक्रमितों तक पहुंचने के लिये कमर कसी है।
इसके लिए उन्होंने 10 ऐसी दवाओं की बिक्री को लेकर जिले के सभी मेडिकल स्टोर या फुटकर दवा विक्रेताओं को निर्देश जारी किया है, जो बुखार, खांसी या कोविड 19 के लक्षण जैसी चीजों के लिए लोग बिना डॉक्टर की सलाह के धड़ल्ले से खरीद रहे हैं। निर्देश में सभी फुटकर दवा विक्रेताओं को सम्बंधित 10 दवाओं को खरीदने के दौरान सम्बंधित व्यक्ति का मोबाइल नम्बर, पूरा पता जरूर लिख लें।
ऐसे लोगों को पूरी जानकारी की एक प्रति दवा के फुटकर विक्रेताओं को प्रतिदिन सामुदायिक या प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/ANM या आशा को देना होगा। लापरवाही बरतने पर ऐसे दवा विक्रेताओं के खिलाफ एपीडेमिक डिसीज ऐक्ट 1897, उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 एंव भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल ऐसा देखा जा रहा है कि काफी लोग कोविड 19 की जांच से बचने के लिए लोग बिना डॉक्टर्स की सलाह के मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीद कर खा रहे हैं। इससे जनसमुदाय में कोरोना का प्रकोप बढ़ने का खतरा बना हुआ है। अगर ऐसे लोगों की पहचान कर समय पर इलाज कर लिया जाता है तो कोरोना से जीता जा सकता है। मेडिकल स्टोर्स पर दिए पते के माध्यम से ऐसे लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। साथ ही सम्बंधित की जांच के माध्यम से कोरोना संक्रमित की पहचान की जा सकती है।
ये हैं वो 10 दवाएं
जिला प्रशासन की ओर से 10 दवाओं को मुख्य रूप से चिन्हित कर निर्देश जारी किया गया है। आपको बता दें कि जिलाधिकारी द्वारा पिछले कई दिनों से ये सख्त निर्देश जारी किया जा रहा है।
जिला प्रशासन से निर्देशित 10 दवाओं में टेबलेट पैरासिटामोल, डेरिफायलिन, कफ सम्बंधित सिरप, टेबलेट एजीथ्रोमइसीन, डाक्सी कैप्सूल, टैबलेट विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक, हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन और सेट्रिजीन का नाम शामिल है।