राम मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश की निगाहें अयोध्या की धरती पर 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन पर टिकी हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश की कई बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी।
राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन से पूर्व अयोध्या की व्यवस्था और यथास्थिति का जायजा लेने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य खुद ही मंगलवार को पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और साधु संतों के साथ भूमि पूजन की तैयारियों को लेकर चर्चा भी की।
यहां उन्होंने कहा लंबे समय के इंतजार के बाद राम मंदिर निर्माण का सपना साकार होने जा रहा है। 5 अगस्त को भूमि पूजन के दिन लोग अपने घरों को दीये से दीपावली के त्योहार की तरह सजाएं और खुशियां मनाएं।
आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी संघर्ष किया है। राम मंदिर निर्माण को लेकर जगह जगह आंदोलन किये।
लोगों में राम मंदिर निर्माण के लिए अलख जलाने का काम किया। केशव प्रसाद मौर्य तीन दशक पहले विहिप के तत्कालीन अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल के माध्यम से संघ से जुडे़।
संघ के कार्यों से प्रभावित होकर संघ के ही रह गए। संघ के प्रति इनकी निष्ठा को देखते हुए विहिप ने श्री राम जन्म भूमि आंदोलन की विभिन्न यात्राओं जैसे शिला पूजन, श्रीराम ज्योति सहित अन्य कार्यक्रमों के संचालन की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्य को सौंपी।
1990 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हुए आंदोलन में अहम भूमिका अदा की। इसके साथ ही उन्होंने बजंरग दल की विभिन्न यात्राओं की युवा टोलियों के सुरक्षा प्रमुख की भूमिका भी बड़ी कुशलता से निभाई।
1992 में अयोध्या प्रांतीय संगठन मंत्री के तौर पर विभिन्न भूमिकाओं का निर्वहन किया। केशव राम मंदिर निर्माण के लिए अवध क्षेत्र में भी संघर्षरत रहे।
1997-98 में केशव प्रसाद मौर्य को विहिप दिल्ली संगठन मंत्री की जिम्मेदारी मिली।
इनके साथ ही केशव प्रसाद मौर्य राम मंदिर निर्माण को लेकर लगातार अलग अलग भूमिका में संघर्ष करते नजर आए।
शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को राम मंदिर निर्माण और भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक किया।
राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले केशव आज खुद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री हैं।
उनके उप मुख्यमंत्री कार्यकाल में प्रदेश में राम मंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही है।
राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले केशव के लिए जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।