उत्तर प्रदेश में तेजी से कोरोना वायरस लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इस मामले में प्रदेश के टॉप 5 में प्रयागराज जिला भी शामिल है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने कोविड संक्रमित ऐसे लोगों पर चिन्हित करने में जुट गया है जो लक्षण दिखने के बावजूद बिना जांच कराए मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खुद को बचाने में जुटे हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने शुक्रवार को संगम सभागार में फुटकर दवा विक्रेताओं एवं सम्बंधित यूनियन के सदस्यों के साथ बैठक की। जिलाधिकारी ने कहा कि आम जनमानस में यह देखा जा रहा है कि कोविड-19 की जांच से बचने के लिये कई तरह की दवाओं का उपयोग उनके द्वारा बिना किसी चिकित्सकीय परामर्श लिए स्वयं से किया जा रहा है।
यह उनके स्वास्थ्य के लिय हानिकारक हो सकता है। जिलाधिकारी ने जनपद प्रयागराज के समस्त दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया कि पैरासीटामोल, डेरीफाइलीन, कफ सम्बंधी सिरप, एजिथो्रमइसीन, डाक्सी, विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक, हाइड्राक्सी क्लोरीक्वीन एवं सेट्रीजिन दवाईयों का विक्रय कोई भी दवा विक्रेता किसी भी व्यक्ति के मांगने पर उसका सम्पूर्ण विवरण ले।
उसका मोबाइल नम्बर आवश्यक रूप से अपने पास रिकार्ड के तौर पर रखे। उसी समय मोबाइल पर काॅल कर चेक भी कर ले कि नम्बर चालू है या नही। साथ ही इन नोट किए गए डिटेल को सम्बंधित मुहल्ले की आशा कार्यकर्ताओं को उपलब्ध करायेंगे।
यदि ऐसे करने में किसी फुटकर दवा विक्रेता द्वारा लापरवाही की जाती है तो उसके विरूद्ध एपिडेमिक डिसीज ऐक्ट 1897, यूपी महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 एवं भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
फुटकर विक्रेता अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने यहां आने वाले व्यक्तियों को उपरोक्त दवाओं के मांगने पर उन्हें सलाह देते हुए कोविड-19 की जांच कराने के लिए प्रेरित करें।