पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की वितरण व्यवस्था के निजीकरण को लेकर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन द्वारा रविवार शाम को प्रयागराज में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश शासन के खिलाफ विरोध सभा आयोजित की।
इसमें शामिल इंजीनियर आईएम द्विवेदी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा भारतीय विद्युत अधिनियम संशोधन बिल 2020 जनता के लिए हित में नहीं है। सरकार इसे वापस ले।
पूर्वांचल सचिव आशीष सिंह ने बताया कि सरकार के द्वारा पूर्वांचल के निजीकरण के फैसले से कारपोरेशन में लगभग 15000 पद समाप्त हो जाएंगे। इससे इंजीनियरिंग, डिप्लोमा, आईटीआई, ग्रेजुएट पढ़े लिखे युवा जो कारपोरेशन में अपना भविष्य देख रहे हैं। उनका जीवन अंधकार में हो जाएगा।
बहादुर सिंह ने कहा निजीकरण से किसानों की बिजली महंगी हो जाएगी। संजय चतुर्वेदी और अवधेश कुमार ने कहा निजीकरण से बेरोजगारी बढ़ेगी और युवाओं की बेरोजगारी बढ़ने से लूटपाट और भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी होगी।
सरकार निजीकरण का फैसले को वापस ले अन्यथा सभी विद्युत कर्मी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। बैठक में बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।