अगर आप अपने बच्चे का उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए विदेश में पढ़ाने का सपना देख रहे हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है। बुरी खबर उनके लिए भी है जो विदेश घूमने का विचार कर रहे हैं या जिनके अपने विदेश में आपकी निगरानी में गुजर बसर कर रहे हैं।
दरअसल केंद्र सरकार अगले महीने से TCS (स्रोत पर कर संग्रह) का नियम लागू करने जा रही है। इस नियम के तहत बिना कर चुकाए आप अपने परिजनों को विदेश में पैसे नहीं भेज सकेंगे। वित्त अधिनियम 2020 के प्रावधान के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) से विदेश में पैसा भेजने पर व्यक्ति को कर देना होगा।
इसका मतलब साफ है कि अगर आप विदेश अपने किसी रिश्तेदार को पैसा भेजते हैं या विदेश के लिए टूर पैकेज बुक करते हैं या अगर आप अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए विदेश में पैसा भेजते हैं, तो आप पर एक अक्टूबर से तीन तरह का टीसीएस का बोझ बढ़ जाएगा।
इसमें सबसे ज्यादा नुकसान कर्ज लेकर विदेश में बच्चों को पढ़ा रहे अभिभावकों को होगा। उन्हें बैंक कर्ज के साथ टीसीएस की दोहरी मार भी झेलनी पडेगी। आपको बता दें कि LRS के तहत हर साल अधिकतम 2.5 लाख डॉलर (1.84 करोड़ ₹) तक की रकम विदेश भेजी जा सकेगी।
7 लाख से अधिक पर 5% की दर से लगेगा TCS
आरबीआई के LRS के तहत 7 लाख से अधिक रकम विदेश भेजने पर 5% की दर से TCS देना होगा। अगर आपने विदेश में बच्चे की पढ़ाई के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान से कर्ज लेकर पैसा भेजते हैं और भेजने की रकम 7 लाख से ज्यादा है तो 0.5% TCS देना होगा।
विदेशी मुद्रा पर भी टैक्स
अगर आप विदेश घूमने का मन बना लिए हैं। विदेश के लिए टूर पैकेज बुकिंग करते हैं या 7 लाख से ज्यादा विदेशी मुद्रा लेते हैं तो भी आपको TCS देना होगा। वहीं अगर अधिकृत डीलर या टूर पैकेज विक्रेता को पैन या आधार कार्ड उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो TCS की दर 10% लगेगी।
उत्पाद बेचने पर भी देना होगा कर
अगले महीने से लागू होने वाले नियम के अनुसार अगर आप एक साल के अंदर 50 लाख से ज्यादा के उत्पाद की बिक्री करते हैं, तो भी आपको 0.1 फीसदी की दर से सरकार को TCS देना होगा। बिकने वाला उत्पाद चाहे मकान हो, गहने या अन्य सामान हो। सभी पर टैक्स देना होगा। हालांकि इससे कम पर TCS नहीं लगेगा।