ठंड बढ़ने के साथ ही कोरोना मरीजो की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। गुजरात (Corona in Gujrat) में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के चलते चार बड़े शहरों (अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट) में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। हालात को देखते हुए लोगों के मन मे एक बार फिर लॉकडाउन होने का भय सताने लगा है। यही वजह है कि एक बार फिर मजूदरों का पलायन शुरू हो गया है। सूरत के इंडस्ट्रियल शहर वापी, वलसाड से हजारों की तादाद में मजदूर राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश जाने के लिए नेशनल हाईवे पर जमा होने लगे हैं।
मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद सूरत जिले के करीब 70 फीसदी वर्कर्स अपने घर लौट गए थे। अनलॉक के बाद इनमें से करीब 60 फीसदी मजदूर लौट आए थे और काम पर जुट गए थे, लेकिन अब एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर ने फिर से पुराने हालात पैदा कर दिए हैं। सूरत जिले में ज्यादातर मजदूर मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और बिहार के हैं, जिनकी वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है।
दरअसल ट्रेनों में टिकट न मिलने और लोकल ट्रेनों के न चलने के कारण मजफुर नेशनल हाईवे पर जमा हो रहे हैं। हाईवे पर बसों, प्राइवेट वाहनों और ट्रकों पर सवार हो कर अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। पलायन होने वाले ज्यादातर वर्कर्स टेक्सटाइल से जुड़े हुए हैं। इसलिए इनके पलायन से एक बार फिर इंडस्ट्रीज को बड़ा झटका लगने की उम्मीद है।