उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ सामुहिक दुष्कर्म और बर्बरता ने एक बार फिर निर्भया कांड की याद ताजा कर दी। हाथरस में दलित लड़की से पहले सामुहिक दुष्कर्म किया गया फिर दरिंदों ने लड़की की जीभ काटकर रीढ़ की हड्डी भी तोड़़ दी।
15 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझती पीड़िता ने आखिरकार मंगलवार को दम तोड़ दिया। घटना को लेकर लोगों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने रातोरात लड़की का अंतिम संस्कार करा दिया।
पीड़िता के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उनसे जबरन रात में अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाया। वहीं पुलिस इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए अपना पल्ला झाड़ रही है।
वहीं बिना परिवार की सहमति के लड़की के अंतिम संस्कार से जिला और पुलिस प्रशासन से लेकर प्रदेश सरकार तक घिर गई है। लोगों में पुलिस और प्रदेश सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दे कर खुद को बचाने की कोरी कोशिश जरूरी की है।
इस तीन सदस्यीय टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम को सदस्य बनाया गया है। टीम की अध्यक्षता गृह सचिव करेंगे। आपको बता दें कि पुलिस ने संबंधित मामले में चारो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर जल्द से जल्द सजा दिलाने के भी आदेश दिए हैं। हाथरस में दलित लड़की के साथ सामुहिक दुष्कर्म और हैवानियत के बाद सियासत गरमा गई है।
कांग्रेस, सपा, बसपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियां योगी सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों में सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। देश के कोने कोने में लोग पीड़िता को श्रद्धांजलि और न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे है। देश के कोने कोने में इसका विरोध प्रदर्शन हो रहा है।