Prayagraj: माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश (Board of High School & Intermediate Education) यानि UP Board ने अपने स्थापना के 100 साल पूरे कर लिए हैं। यूपी बोर्ड स्थापना 1921 में हुई थी। यह एक परीक्षा लेने वाली संस्था है। माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश यानि यूपी बोर्ड अपने गौरवशाली 100 साल पूरे करने पर बोर्ड ने वर्ष अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक शताब्दी वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से इसके संदर्भ में प्रेस विज्ञप्ति भी जारी किया गया है।
निर्देश के साथ साथ यूपी बोर्ड के सफर का भी जिक्र किया है। उनके द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि यूपी ओर से पहली बार 1923 में परीक्षा आयोजित की गई थी। पहली बार प्रदेश में आयोजित परीक्षा में हाईस्कूल (High School) के 5655 परीक्षार्थी और इंटरमीडिएट (Intermediate) के 89 परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
उन्होंने बताया कि यूपी बोर्ड की ओर से आयोजित होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में लगातार परीक्षार्थियों की संख्या में बढ़ात्तरी हुई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद वर्तमान में विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यूपी बोर्ड भारत का पहला शिक्षा बोर्ड था जिसने सबसे पहले 10 प्लस 2 परीक्षा पद्वति को अपनाया। पहले प्रयागराज विश्वविद्यालय हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं आयोजित करता था।
यूपी बोर्ड का मुख्य कार्य केवल परीक्षा आयोजित करना ही नहीं बल्कि राज्य के विद्यालयों को मान्यता देना और पाठ्यक्रम पुस्तकें निर्धारित करना भी है।
ख्याति प्राप्त छात्रों के लिए मिशन गौरव पोर्टल-:
यूपी बोर्ड दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है। यूपी बोर्ड से कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थी आज उत्तर प्रदेश ही नहीं देश और विदेशों में भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहे हैं।
यूपी बोर्ड से जुड़े ऐसे छात्र जो आज शिक्षा, चिकित्सा, न्यायिक, राजनीतिक, प्रशासनिक, सामाजिक, साहित्य, कला, खेल सहित अन्य क्षेत्रों उच्च पदों पर सेवारत हैं या सेवा दे चुके हैं।
यूपी बोर्ड का गौरव बढ़ाने वाले ऐसे लोगों के लिए संस्था की ओर से मिशन गौरव पोर्टल की शुरूआत की गई है, पोर्टल के माध्यम से उन्हें आॅनलाइन जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।