नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रासुका कानून के तहत गिरफ्तार किए गए डॉक्टर कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इसके साथ ही डॉ. कफील को तुरंत रिहा करने के भी आदेश दिए हैं और उन पर लगी रासुका को भी हटा दिया है। अदालत ने कहा कि रासुका के तहत गिरफ्तारी अवैध है।
सीएए को लेकर भड़काऊ बयानबाजी करने के लिए जिलाधिकारी अलीगढ़ ने 13 फरवरी 2020 को कफील खान को रासुका में निरुद्ध करने का आदेश दिया था।
यह अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है। याचिका में निरूद्धि की वैधता को चुनौती दी गई है। हालांकि कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज एक मुकदमे में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। जेल में रहते हुए रासुका तामील कराया गया है।
याचिका ने डॉ. कफील खान की रासुका को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने हाईकोर्ट को मूल पत्रावली भेजते हुए तय करने का आदेश दिया है। इस मामले में प्रदेश सरकार और याची के सीनियर वकील द्वारा पहले भी कई बार समय मांगा गया था।