अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तैयारियां जोरों पर हैं। 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होना है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्री सहित कई दिग्गज हस्तियां शिरकत करेंगी। हालांकि मंच पर पीएम मोदी के साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नित्यगोपाल दास रहेंगे। अयोध्या में होने वाले इस भव्य कार्यक्रम की तैयारियों का मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तक लगातार जायजा ले रहे हैं। वहां के साधु संतों के साथ साथ व्यवस्थापकों से लगातार यथास्थिति की जानकारी ली जा रही है।
अयोध्या में बनने जा रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ साथ उसकी भव्यता की भी काफी चर्चा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर निर्माण के लिए पहला डिजाइन 1990 यानी आज से 30 साल पहले ही तैयार किया गया था। यह डिजाइन विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक रहे अशोक सिंघल के कहने पर तैयार किया गया। 30 साल पहले इस डिजाइन को तैयार करने में आर्किटेक्ट चंद्रकांतभाई सोमपुरा काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। दरअसल उस दौरान सुरक्षा कारणों से राम मंदिर भूमि के डिजाइन के नाम पर अंदर कुछ भी यंत्र नहीं ले जाने दिया गया था। यहां तक की मापने वाले टेप तक अंदर नहीं ले जा पाए थे। ऐसे में उन्हें भूमि की माप अपने कदमों से करनी पड़ी थी। उस दौरान राम मंदिर के केवल एक डिजाइन पर काम हुआ था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद वर्तमान परिस्थितियां राम मंदिर के अनुकूल हैं। मंदिर निर्माण के लिए अब काफी भूमि है। इसके कारण राम मंदिर का निर्माण काफी भव्य होने जा रहा है। इसका डिजाइन तैयार हो चुका है। 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन का प्रसाद देश के सभी धार्मिक स्थलों में जाएगा। इसके लिए मणिरामदास छावनी में 1 लाख 11 हजार लड्डू बनाने का काम शुरू हो चुका है।