आंख बंद कर ब्रांडेड कंपनियों (Branded Company) के प्रोडक्ट पर विश्वास करने वालों के लिए बुरी खबर है। देश की कई नामी कंपनियां अपने ग्राहकों को मिलावटी शहद बेच रही हैं। यह खुलासा हाल ही में सेंटर फाॅर साइंस एंड एनवायरमेंट (Center For Science and Environment) की हालिया जांच में हुआ है।
CSE की जांच में पता चला है कि ज्यादातर ब्रांड्स अपने शहद में चीनी की मिलावट करते हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब सीएसई ने 13 छोटे-बड़े ब्रांडस के शहद के सैंपल चेक किए। शहद के कुल 22 सैंपल्स की जांच की गई, जिसमें 5 सेंपल ही ठीक मिले। जांच में कंपनियों के शहद में 77 फीसदी तक मिलावट पायी गई।
रिपोर्ट के अनुसार डाबर (Dabur ) , पतंजलि (Patanjali), वैद्यनाथ (Vaidyanath), झंडू (Jhandu), हितकारी (Hitkari) और एपिस हिमालय (Apis Himalaya) जैसी कंपनियों के शहद शुद्धता मापने वाले न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (NMR) टेस्ट में फेल हो गए। हालांकि पतंजलि और डाबर ने जांच रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि जांच का मकसद हमारे ब्रांड्स की छवि को खराब करना है।
साथ ही इसे प्रायोजित कहा है। कंपनियों का दावा है कि वो भारत में ही प्राकृतिक तौर पर मिलने वाले शहद को इकट्ठा करके, उसे बेचने का काम करते हैं। वहीं अन्य कंपनियों ने भी इस जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए अपनी सफाई जारी की है।
ये 2003 और 2006 की साॅफ्ट ड्रिंक्स की मिलावट से भी ज्यादा खतरनाक मिलावट
जनसत्ता में प्रकाशित खबर के मुताबित सीएसई महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा है कि 2003 और 2006 में जांच के दौरान जो मिलावाट पायी गई थी, शहद में उससे भी ज्यादा खतरनाक मिलावट हो रही है। कंपनियों की ओर से शहद में की जा रही ये मिलावट स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है।
उन्होंने बताया कि जिन 13 ब्रांड्स की जांच हुई उनमें 10 एनएमआर टेस्ट (NMR Test) में फेल हुए हैं। फेल हुए 10 एनएमआर टेस्ट में 3 तो भारतीय मानकों के अनुरूप ही नहीं थे। बताया गया है कि भारत में 3 अगस्त से जो भी शहद निर्यात होगा, उसका एनएमआर टेस्ट अनिवार्य किया गया था। वहीं टीएमआर टेस्ट को अक्टूबर 2019 को ही क्वालिटी पैरामीटर्स से हटा दिया गया था।
मिलावट के बाद FSSAI एक्शन में
देश की कई नामी कम्पनियों के शहद में मिलावट सबंधित खुलासा होने पर FSSAI ने अपना कड़ा रुख अख्तियार किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एफएसएसएआई (FSSAI) ने कहा है कि सीएसई (CSE) की जांच को गम्भीरता से लिया जा रहा है। किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले सीएसई से जानकारी ली जाएगी।
शुक्रवार को सीएसई टीम की एफएसएसएआई से मुलाकात करेगी और जांच की डिटेल्स, टेस्ट, नमूने और जांच के तरीके साझा करेगी। साथ ही एफएसएसएआई का कहना है कि जैसे ही विवरण प्राप्त होता है एफएसएसएआई के द्वारा विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद प्रोटोकॉल के बारे में विचार किया जाएगा।