केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान पिछले करीब एक महीने से देश के विभिन्न राज्यों में विरोध कर रहे हैं। किसानों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का उन्हीं की अंदाज में विरोध किया। देश के कोने कोने में पीएम मोदी के मन की बात के विरोध में किसानों ने ताली, थाली, बर्तन के साथ-साथ टीन के कनस्टर भी जमकर पीटे।
वहीं सिंधु बाॅर्डर पर पिछले करीब एक महीने से धरने पर बैठे किसानों ने ताली, थाली पीटते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने मन की बात का विरोध करते हुए कहा कि मन की बात बहुत हो चुकी और अब पीएम वतन की बात करें। बिहार की राजधानी पटना में भी किसानों के संगठनों के सदस्यों ने मन की बात कार्यक्रम का बर्तन पीट विरोध किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में देश की जनता से कई तरह की बातें की। उन्होंने कोरोना काल के दौरान सहयोग देने के लिए लोगों का धन्यवाद किया। साथ ही कहा कि देश के सामने चुनौतियां तो बहुत आईं, संकट भी कई आए लेकिन हमने हर संकट से नए सबक सीखे। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के केसर की भी चर्चा की। साथ ही कई अन्य मुद्दों को लोगों के सामने रखा।
वहीं दूसरी ओर कृषि कानून के विरोध में देश के कोने कोने में युवा, महिला और बुजुर्गों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का पुरजोर विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। यह नजारा सुबह 11 बजे के करीब दिल्ली के सिंधु बाॅर्डर और गाजीपुर बाॅर्डर पर देखने को मिला। इसके अलावा झारखंड की राजधानी रांची में भी आल इंडिया किसान सभा कार्यकर्ताओं ने अलबर्ट एक्का चैक पर विरोध प्रदर्शन करते हुए मन की बात नहीं किसानों की बात करो जैसे नारे लगाए।