देशभर में कोरोना वैक्सीन का तेजी से ट्रायल हो रहा है। इसी बीच मध्य प्रदेश से एक बुरी खबर आ रही है। यहां कोविड 19 वैक्सीन टीका लगाने के बाद एक वॉलिंटियर की मौत हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार कोविड 19 के वैक्सीन ट्रायल में शामिल वालिंटियर की टीका लगने के कुछ दिन बाद मौत हो गयी।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति में टीकाकरण का 30 मिनट के अंदर नजर आ जाता है। वहीं जिस वालिंटियर की मौत हुई है उसके अंदर टीका लगने के 24 से 48 घण्टे बाद भी कोई साइडइफेक्ट नजर नहीं आया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह जहर का असर बताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मृतक के बिसरा को टेस्टिंग के लिए भेज दिया गया है। मैं सभी से मामले को संवेदनशीलता से लेने का आग्रह करता हूँ। ताकि टीके को लेकर गैर जरुरी गलतफहमी पैदा ना हो, जिससे टीकाकरण ड्राइव प्रभावित हो। मुझे विश्वास है कि टीके का प्रभाव 24 घंटे या 2-3 दिन में नजर आ जाता है ना कि कई दिनों बाद।
आपको बता दें कि जिस वालिंटियर की मौत हुई है वह भोपाल में टीला जमालपुरा निवासी दीपक मरावी था। उसे 12 दिसंबर को टीके का पहला डोज लगाया गया था। 21 दिन बाद उसकी मौत हो गयी। दीपक की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने शासन से कई सवाल उठाए हैं।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि किसी को बताए बिना उसने वैक्सीन का डोज लगवाया था। तभी से उसकी तबियत बिगड़ती गयी। परिजनों का आरोप है कि उसे 750 रुपये का लालच दे कर उसे वैक्सीन के मानव परीक्षण का हिस्सा बनाया गया।