अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को लेकर नया प्लान तैयार हुआ है। राम मंदिर को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए मिर्जापुर के पत्थरों और तांबे से मन्दिर का निर्माण किया जाएगा। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 14 जनवरी से शुरू किया जाएगा।
विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने शुक्रवार को कहा कि जिस स्थान पर राम मंदिर का निर्माण होना है। उस जगह पर सरयू नदी की धारा की समस्या का समाधान आवश्यक है, जो सप्ताहभर में हो जाएगा।
मंदिर का निर्माण पत्थर और तांबे के विशेष संयोजन का उपयोग करके बनाया जाएगा। हालांकि इस निर्माण पद्धति से मन्दिर की लागत कई गुना बढ़ रही है। इस लिए 11 करोड़ लोगों से सम्पर्क करके धन इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है।
4 लाख से अधिक विहिप कार्यकर्ताओं को पैसा इकट्ठा करने में लगाया गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंदिर की नींव में मिर्जापुर के पत्थरों का इस्तेमाल होगा, ताकि नींव काफी मजबूत रहे। पत्थरों के भंडारण के लिए कारसेवकपुरम को साफ किया गया था जो जल्द ही मिर्जापुर से अयोध्या पहुंच जाएगा।
उन्होंने कहा कि लगभग 70 फीसदी पत्थरों को तराशने का काम पूरा हो चुका है। इन्हीं पत्थरों से राम मंदिर निर्माण का आकार दिया जाएगा। आपको बता दें कि जहां राम मंदिर निर्माण होना है, वहां करीब 200 फ़ीट नीचे सरयू नदी का प्रवाह और बालू मिल रहा है। इनके कारण राम मंदिर निर्माण का कार्य रोक दिया गया है।